87 साल बाद फिर टाटा ग्रुप के हाथों में हो सकती है एअर इंडिया की बागडोर!

By: Pinki Mon, 14 Dec 2020 12:38:57

87 साल बाद फिर टाटा ग्रुप के हाथों में हो सकती है एअर इंडिया की बागडोर!

सरकारी विमान कंपनी एअर इंडिया (Air India) के लिए आज एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट फाइल कर सकती है। एअर इंडिया के लिए रुचि पत्र जमा करने की डेडलाइन सोमवार शाम 5 बजे तक ही है। खबर है कि टाटा ग्रुप एअर इंडिया के लिए बोली लगा सकती है। न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि टाटा ग्रुप एअर इंडिया के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) फाइल कर सकता है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर किसी ने भी इस बारे में कुछ भी नहीं कहा है।

बता दें कि टाटा ग्रुप ने ही 1932 में इस एयरलाइंस की स्थापना की थी और 67 साल पहले 1953 में इससे एग्जिट हुआ था। सूत्रों के अनुसार टाटा ग्रुप एअर एशिया को व्हीकल के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है जिसमें टाटा संस का बड़ा हिस्सा होगा। हाल ही में टाटा संस ने एयरएशिया में अपनी हिस्सेदारी को 51% से बढ़ा लिया है।

अभी की बात करें तो टाटा संस सिंगापुर एयरलाइंस के साथ मिलकर विस्तारा एयरलाइंस का परिचालन करता है। एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की अंतिम तिथि 14 दिसंबर है और सरकार ने अभी तक समय सीमा नहीं बढ़ाई है। हालांकि सरकार ने एयर इंडिया के लिए बोली लगाने वालों के लिए इन्टीमेशन तारीख को बढ़ाकर 5 जनवरी तक कर दिया है, जो पहले 29 दिसंबर तक थी।

टाटा ग्रुप के अलावा एअर इंडिया के ही 200 कर्मचारियों का एक समूह भी सरकार के सामने ऑफ इंटरेस्ट जमा कर सकता है। कर्मचारियों के इस समूह का दावा है कि फाइनेंशियल इन्वेस्टर्स उनके साथ हैं।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि स्पाइसजेट (SpiceJet) के मालिक अजय सिंह भी एअर इंडिया में रुचि दिखा रहे हैं। हालांकि, इस बारे में कंपनी की तरफ से कोई जानकारी सामने नहीं आई है।

नहीं बिकी तो बंद करनी पड़ सकती है एअर इंडिया


बता दें कि जब सरकार ने 2018 में एयर इंडिया के लिए बोली लगवाई थी, उस दौरान कोई भी खरीददार आगे नहीं आया। एविएशन मिनिस्टर हरदीप​ सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने पिछले साल ही कहा था कि अगर एअर इंडिया निजीकरण (Air India Privatisation) नहीं हुआ तो इसे बंद करना पड़ सकता है। रविवार को उन्होंने कहा कि एअर इंडिया का विनिवेश एक गोपनीय प्रक्रिया है। संबंधित विभाग यानी दीपम उचित समय पर जानकारी देगा।

एअर इंडिया पर 90,000 करोड़ रुपये का कर्ज

बता दें कि वर्तमान में टाटा संस (Tata Sons) की विमान कंपनी विस्तारा है, जिसे वह सिंगापुर एयरलाइंस (Singapore Airlines) के साथ मिलकर चलाती है। अब यह किफायती विमान कंपनी AirAsia के जरिए एअर इंडिया (Air India) में रुचि दिखा रही है। सिंगापुर एयरलाइंस इस सरकारी विमान कंपनी में निवेश करने की इच्छुक नहीं थी। एअर इंडिया पर करीब 90,000 करोड़ रुपये का कर्ज है।

एअर इंडिया की बिक्री की शर्तों में बदलाव

सरकार ने एअर इंडिया की बिक्री की शर्तों में इस बार बदलाव किया है। इसके तहत एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस (Air India Express) में 100% हिस्सेदारी बेचने की तैयारी है। पहले यह 76% था। इसके अलावा कंपनी AI-STAS में भी 50% की अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचेगी। अब इस कंपनी के संभावित खरीदार को एंटरप्राइजे वैल्यू के आधार पर बोली लगानी होगी। इसका मतलब है कि पहले 23,000 करोड़ रुपये के डेब्ट की प्री-फिक्स्ड वैल्यू पर खरीदने की जरूरत थी, लेकिन अब नई रकम एअर इंडिया की इक्विटी और डेब्ट दोनों के आधार पर तय होगी।

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